संधि (Joining)

संधि  (Joining) परिभाषा:- जब दो या दो से अधिक वर्ण परस्पर मिलते हैं तो उनके रूप में आये विकार को संधि कहते हैं। ‘संधि’ शब्द का अर्थ है ‘मेल’। संधि संस्कृत शब्दों में ही होती है। वर्णों में संधि करने पर स्वर, व्यंजन या विसर्ग में परिवर्तन आता है। अतः सन्धि तीन प्रकार की होती … Read more

अलंकार (Figures of Speech)

अलंकार (Figures of Speech/Ornaments) जिस प्रकार शरीर के बाहरी भाग को सजाने सँवारने के लिए आभूषणों की आवश्यकता पड़ती है उसी तरह साहित्य के बाहरी रूप को सजाने के लिए अलंकारों की आवश्यकता पड़ती है। “काव्यशोभाकरान् धर्मान् अलंकरान् प्रचक्षते।” अर्थात् काव्य की शोभा बढ़ाने वाले धर्मों को अलंकार कहते हैं। परिभाषा:- जो शब्द काव्य की … Read more

छन्द (Metres)

छन्द(Metres) किसी रचना के प्रत्येक चरण या पाद में मात्राओं या वर्णों की संख्या, क्रम योजना, गति, यति, और लय युक्त रचना को छन्द कहते हैं। छंद के अंग:- पाद, मात्रा और वर्ण, संख्या और क्रम, लघु और गुरु, गण, यति, गति, तुक चरण/पद/पाद:- छन्द में प्रायः दो चरण होते हैं:-समचरण और विषमचरण। प्रथम व … Read more

रस (Sentiments)

रस (Sentiments) रस का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आनंद’ । कविता को पढ़ते या सुनते समय हमें जिस आनंद की अनुभूति होती है उसे ‘रस’ कहा जाता है। रस को काव्य की आत्मा कहा जाता है। रस के चार अंग हैं:- स्थायी भाव विभाव अनुभाव संचारी/व्याभिचारी भाव   1. स्थायी भाव:- स्थायी भाव को रस … Read more

शब्द शक्ति

शब्द शक्ति शब्दों में आन्तरिक तौर पर छुपी ताकत को शब्दशक्ति कहते हैं। अर्थ का बोध कराने में शब्द कारण है और उस अर्थ का बोध कराने वाले व्यापार को शब्द शक्ति कहते हैं। शब्दशक्तियों के तीन प्रकार हैं:- अभिधा लक्षणा व्यंजना 1. अभिधा:- अभिधा शब्द की वह शक्ति है जो शब्द के साधारण और … Read more

वाच्य (Voice)

वाच्य (Voice) जब किसी वाक्य में क्रिया कत्र्ता, कर्म या भाव के अनुसार हो तो ज्ञात रूप को वाच्य कहते हैं। वाच्य के तीन भेद हैं:- (क) कृत् वाच्य          (ख) कर्म वाच्य          (ग) भाव वाच्य   (क)कृत् वाच्य:- जिस वाक्य में कत्र्ता प्रधान होता है, वहाँ कृत् वाच्य होता है। इनमें कत्र्ता प्रमुख और कर्म … Read more

पदबंध (Phrase)

पदबंध (Phrase) पदबंध को वाक्यांश भी कहा जाता है। कई पदों के योग से बने वाक्यांशों को, जो एक ही पद का काम करता है, पदबंध कहलाता है। नदी बह रही है। राम ने रावण को मार गिराया। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी है। पदबंध के प्रकार:- 1. संज्ञा पदबंध:- पदबंध का आखिरी या शीर्ष … Read more

विराम-चिन्ह (Punctuation)

विराम-चिन्ह (Punctuation) विराम का अर्थ है- रुकना। वाक्य को लिखते या बोलते समय जब बीच में कहीं रुकना पड़े जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है। लिखित भाषा में इस ठहराव को दिखाने के लिए कुछ चिन्हों का प्रयोग करते हैं। इन्हें ही विराम चिन्ह कहते हैं। पूर्ण विराम ( । ) अर्द्ध … Read more

वाक्य-विचार (Syntax)

वाक्य-विचार(Syntax) वाक्य की परिभाषा:- शब्दों का ऐसा समूह जिसका सार्थक भाव प्रकट होता है उसे वाक्य कहते हैं। अथवा पदों की वह व्यवस्था जिससे कोई कथन सार्थक बनता है वाक्य कहलाता है। वाक्य के 6 गुण होते हैं:- सार्थकता, योग्यता, आकांक्षा, आसत्ति, पदक्रम, अन्वय। सार्थकता:- वाक्य रचना के लिए जरूरी है कि सभी पद सार्थक … Read more

समास (Compound)

समास(Compound) परस्पर संबंध रखने वाले दो या दो से अधिक पदों के मेल को समास कहते हैं। समास  का शाब्दिक अर्थ है ‘संक्षेप’। जैसे:- ‘राजा का पुत्र’ को ‘राजपुत्र’ भी कह सकते हैं। ऐसा कहने पर अर्थ में कोई परिवर्तन नही हुआ, अपितु शब्द संक्षिप्त हो गया। (दो शब्द के मेल को समास कहते हैं।) … Read more