विशेषण (Adjective)

विशेषण(Adjective) संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। गुण, दोष, संख्या, परिमाण तथा किसी संज्ञा की विशेषता बताए उन्हें विशेषण कहते हैं। विशेषण शब्द जिन संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं, वे शब्द ‘विशेष्य’कहलाते हैं। विशेषण को चार भागों में बाँटा गया है- गुणवाचक, संख्यावाचक, परिमाणवाचक, संकेतवाचक 1. गुणवाचक:- … Read more

सर्वनाम (Pronoun)

सर्वनाम (Pronoun) परिभाषा:- संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाले शब्दों को सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, हम, वे, आप आदि। सर्वनाम के 6 भेद हैं। पुरुषवाचक निश्चयवाचक अनिश्चयवाचक संबंधवाचक प्रश्नवाचक निजवाचक   1. पुरुषवाचक सर्वनाम:- जो शब्द किसी पुरुष के नाम के बदले प्रयुक्त हो या बोलने, सुनने या जिसके बारे में कुछ … Read more

वर्णमाला (Alphabet)

वर्णमाला वर्णों के समूह को वर्णमाला कहते हैं। किसी भाषा में कुल जितने वर्णों का प्रयोग होता है, उनका समूह उस भाषा की वर्णमाला कहलाता है। हिन्दी वर्णमाला के दो भेद हैं- स्वर व्यंजन (क) स्वर जिन वर्णों के उच्चारण को बोलने में अन्य किसी वर्ण की सहायता नहीं लेनी पड़ती उन्हे स्वर कहते हैं। … Read more

अव्यय (Indeclinable)

अव्यय(Indeclinable) परिभाषा:- ऐसे शब्द जिनमें लिंग, वचन, पुरूष, कारक आदि के कारण कोई विकार नहीं आता, अव्यय कहलाते हैं। अव्यय के चार भेद हैं:- 1. क्रिया विशेषण, 2. सम्बन्धबोधक, 3. समुच्चय बोधक, 4. विस्मयादि बोधक   1. क्रियाविशेषण:- जो शब्द क्रिया की विशेषता बताते हैं उन्हें क्रियाविशेषण कहते हैं। इसके चार भेद हैं- कालवाचक, स्थानवाचक, … Read more

कारक (Case)

कारक(Case) वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम शब्दों का क्रिया के साथ जो संबंध होता है उसे कारक कहते हैं। कारक के आठ भेद हैं:- कारक  कारक चिन्ह् कत्र्ता ने, कर्म को, करण से, के द्वारा सम्प्रदान को, के लिए, ए, एँ अपादान से संबंध का, के, की, रा, रे, री अधिकरण में, पर सम्बोधन … Read more

वचन (Number)

वचन(Number) संज्ञा या अन्य विकारी शब्दों के जिस रूप से उसके एक या एक से अधिक होने का बोध हो, उसे वचन कहते हैं। हिन्दी में दो वचन हैं- 1. एक वचन,  2. बहुवचन 1. एक वचन:- शब्द के जिस रूप से उसके एक होने का पता चले, उसे एकवचन कहते हैं जैसे:- दरवाज़ा, घड़ी, … Read more

लिंग (Gender)

लिंग(Gender) लिंग का शाब्दिक अर्थ है-चिन्ह। शब्द के जिस रूप से उसके स्त्रीजाति या पुरूषजाति के होने का बोध हो उसे लिंग कहते हैं। हिन्दी में दो लिंग हैं:- पुल्लिंग, स्त्रीलिंग हिन्दी में लिंग निर्धारण 3 आधारों पर होता है- 1. रूप के आधार पर, 2. प्रयोग के आधार पर, 3. अर्थ के आधार पर   1. … Read more

संज्ञा (Noun)

संज्ञा (Noun) संज्ञा का शाब्दिक अर्थ है- ‘सम् + ज्ञा’ अर्थात् सम्यक् ज्ञान कराने वाला। संज्ञा का दूसरा अर्थ है-नाम। संज्ञा उस विकारी शब्द को कहते हैं जो किसी व्यक्ति, प्राणी, वस्तु पदार्थ, स्थान, भाव, दशा आदि के नाम का बोध कराती है। संज्ञा के प्रकार:- व्युत्पत्ति के आधार पर संज्ञा तीन प्रकार की होती … Read more

पद के भेद (Parts of Speech)

शब्द और पद:- जब शब्द स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त होता है और वाक्य के बाहर होता है तो यह ‘शब्द’ होता है; किन्तु जब शब्द वाक्य के अंग के रूप में प्रयुक्त होता है तो इसे ‘पद’ कहा जाता है अर्थात् वाक्य के अंतर्गत प्रयुक्त होने पर शब्द ‘पद’ कहलाता है। पद के भेद- संज्ञा, … Read more

प्रत्यय(Suffixes)

प्रत्यय(Suffixes) वे शब्द खंड जो शब्दों के अंत में जुड़ने पर उनके अर्थ में परिवर्तन ला देते हैं, प्रत्यय कहलाते हैं; जैसे- दयालु = दया शब्द के अंत में आलु जुड़ने से अर्थ में विशेषता आ गई है। अतः यहाँ ‘आलु’ शब्दांश प्रत्यय है।  प्रत्ययों का अपना अर्थ कुछ भी नहीं होता और न … Read more